देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में कार्यरत भोजन माताओं को 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति पर सम्मान राशि देने की तैयारी है। वहीं उन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में भी लाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के तहत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सेवानिवृत्त होने पर महिला कल्याण कोष से 30 हजार की धनराशि दी जाती है। जबकि सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने वाली भोजन माताओं के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें कुछ नहीं मिलता। सरकार की ओर से अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तर्ज पर अब भोजन माताओं को भी सम्मान राशि देने की तैयारी है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।
प्रस्ताव दो तरह का है। पहले प्रस्ताव में कहा गया है कि भोजन माताओं से हर महीने 144 रुपये अंशदान लिया जाए या फिर सरकार की ओर से इसे जमा किया जाए, ऐसा करने से सेवा से हटने पर उन्हें 8654 से लेकर 51923 की धनराशि मिलेगी। जबकि 60 साल में सेवानिवृत्त होने पर उन्हें 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक की धनराशि दी जाएगी।
3000 रुपये मानदेय को बढ़ाकर 5000 करने का भी है प्रस्ताव
प्रदेश में भोजन माताओं को अभी हर महीने तीन हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। इसमें 900 रुपये केंद्र सरकार की ओर से एवं 2100 रुपये राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 3000 रुपये मानदेय को बढ़ाकर 5000 किए जाने का केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
पहला प्रस्ताव यदि मानदेय से 144 रुपये कटौती की जाती है, या सरकार अंशदान देती है तो
कार्य अवधि साल सेवा से हटने पर मौत पर
5 8654 60577
10 17308 60577
15 25962 60577
20 34615 60577
25 43269 60577
30 51932 60577
दूसरा प्रस्ताव 60 साल में सेवानिवृत्त होने पर मिलने वाली सम्मान राशि
कार्य अवधि वर्ष में धनराशि
0-5 10000
6-10 15000
11-20 20000
21-30 25000