देहरादून। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स आफ कॅामर्स एंड इंडस्ट्री (एफआईसीसीआई) द्वारा केवल खुराना व अजय सिंह को स्मार्ट पुलिस अवार्ड से सम्मानित किया गया। आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में फेडरेशन ऑफ इंडियन चौम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( एफआईसीसीआई) द्वारा केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक, एससीआरबी और अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया।
अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने दोनों अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन आगे भी बेहतर पुलिसिंग में जारी रखने हेतु प्रेरित किया। फेडरेशन ऑफ इंडियन चौम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफआईसीसीआई) द्वारा प्रत्येक वर्ष पुलिसिंग में बेहतर कार्य करने पर यह सम्मान प्रदान किया जाता है। एफआईसीसीआई द्वारा वर्ष 2021 के लिए केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक, एससीआरबी को पहला अवार्ड रोड सेफ्टी एण्ड ट्रेफिक मैनेजमेंट श्रेणी के तहत सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था हेतु बनाए गए उत्तराखण्ड ट्रेफिक आई एप के लिए दिया गया।
पुलिस महानिरीक्षक केवल खुराना द्वारा निदेशक यातायात, उत्तराखण्ड के पद पर रहते हुए राज्य में आये दिन लगने वाले जाम की समस्या से निजात दिलाने एवं यातायात व्यवस्था को सदृढ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। इस दौरान 29 फरवरी, 2020 को उनके निर्देशन में यातायात निदेशालय द्वारा उत्तराखण्ड ट्रेफिक आई का शुभारम्भ किया गया, जिसका उद्देश्य यातायात व्यवस्था बनाने तथा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्व वैधानिक कार्यवाही किये जाने में आम जनता को उत्तराखण्ड पुलिस की आँखों की तरह प्रयोग कर उनका सहयोग लेना है।
एफआईसीसीआई द्वारा दूसरा अवार्ड अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को साईबर व्रQाईम मैनेजमेंट श्रेणी में स्मार्ट पुलिसिंग की पहलों के लिए शुरू किए गए ई सुरक्षा चव्रQ 2.0 के लिए प्रदान किया गया। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड राज्य में घटित गम्भीर प्रकृति के अपराधों एंव साइबर क्राईम के अपराधों की रोकथाम हेतु नोडल एजेन्सी के रुप में कार्यरत है। स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा सयुत्तQ रुप से घटित साइबर क्राईम, वित्तीय हानि के अपराधों के प्रति आम जनता को जागरुक किये जाने हेतु व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है । साथ ही समय समय— पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से ऐसे अपराधियों की गिरफ्तारी कर साइबर क्राईम के अपराधों में काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा साइबर क्राईम के क्षेत्र में उच्च कार्यदक्षता का परिचय दिया गया तथा उत्तराखण्ड की वह प्रथम एजेन्सी बनी जिसके द्वारा क्रिप्टो करेन्सी के माध्यम से धोखाधडी करने वाले अपराधियों के विरुद्व कानूनी कार्यवाही कर ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया।
साथ ही मेंवात (राजस्थान/झारखण्ड) के ऐसे दुर्गम क्षेत्रो में जहाँ पर साइबर अपराधियों द्वारा साइबर अपराध सम्बन्धी घटनाओं को कारित किया जा रहा था स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा ऐसे दुर्गम स्थानों पर अपनी पकड़ बनाते हुये इन क्षेत्रो से साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुचाया गया। देश की विभिन्न नोडल एजेन्सियों से सम्पर्क स्थापित कर साइबर क्राईम के क्षेत्र में बढ रहे अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर हैकाथॉन का दूसरा संस्करण (हैकाथॉन 2.0) आयोजित करने वाली देश की पहली राज्य पुलिस बनी।