चंपावत/देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शुक्रवार को चंपावत जिले के विभिन्न कार्यक्रमों में दिन भर की व्यस्तता के बाद लोहाघाट में वन आच्छादित प्रकृति की गोद में स्थित अद्वैत आश्रम मायावती में पहुंचे। यह वही दिव्य स्थल है जहां महामनीषी स्वामी विवेकानंद जी ने प्रवास किया था। मुख्यमंत्री श्री धामी ने इस स्थान पर ध्यान भी किया।अद्वैत आश्रम मायावती पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने यहां तपस्या की थी, यह स्थान हम लोगो के लिए पूज्य स्थान है, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर आश्रम हमेशा नई ऊर्जा प्रदान करता है। यह ध्यान, शांति, अध्यात्म का केंद्र है।
पिछले एक माह के दौरान यह दूसरा मौका है जब श्री धामी मायावती अद्वैत आश्रम पहुंचे। उनके अद्वैत आश्रम मायावती लोहाघाट आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस आश्रम में आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। बीते 30 जून को श्री धामी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें अद्वैत आश्रम मायावती आने का आमंत्रण दिया था। शुक्रवार को सीएम धामी के मायावती आश्रम पहुंचने पर आश्रम के अध्यक्ष स्वामी सहृदानंद ने उनका स्वागत किया। सीएम धामी ने कहा की प्रकृति की गोद में बसा मायावती आश्रम एक रमणीक स्थान है।
आश्रम की कल्पना स्वामी विवेकानंद जी ने की थी। यहां आना सौभाग्य की बात है। दरअसल, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वामी विवेकानन्द की विचारधारा से खासे प्रभावित हैं और अक्सर युवाओं का आह्वान करते हैं कि वे स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलें। उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानन्द की प्रेरणा से उनके सन्यासी शिष्य स्वामी स्वरूपानंद और अंग्रेज शिष्य कैप्टन जेएच सेवियर और उनकी पत्नी सीई सेवियर ने मिलकर 19 मार्च 1899 में इस आश्रम की स्थापना की थी।
सन् 1901 में कैप्टन जेएच सेवियर के देहांत का समाचार जानकर स्वामी विवेकानंद श्रीमती सेवियर को सांत्वना देने के निमित्त मायावती आये थे। तब वे इस आश्रम में 3 से 18 जनवरी तक रहे। कैप्टेन की मृत्यु के पंद्रह वर्ष बाद तक श्रीमती सेवियर आश्रम में सेवाकार्य करती रहीं। आज यह आश्रम सनातनी परम्परा को आगे बढ़ा रहा है।