दिल्ली। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक एवं कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप में उत्तराखंड के तमाम राज्य निर्माण आंदोलनकारियों से कल 7 अगस्त को देहरादून चलो का आह्वान किया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने राज्य की बेशकीमती जमीन को लुटने से रोकने के लिए अब तक कोई कानून नहीं बनाया है और एक कमेटी बनाकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली है। इसी से नाराज राज्य निर्माण आंदोलनकारी 7 अगस्त को देहरादून में सत्याग्रह करेंगे।
वे इसके साथ ही राज्य में मूल निवास की तत्काल व्यवस्था किए जाने व राज्य आंदोलनकारियों के 10ः क्षैतीज आरक्षण को लागू किए जाने और दिल्ली ,देहरादून व समस्त चिन्हिकरण से वंचित आंदोलनकारियों को चिन्हित किए जाने की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे। जिससे कि सरकार पर यह दबाव बनाया जा सके कि वे राज्य आंदोलनकारियों की इन तमाम मांगों को पूरा करें। धीरेंद्र प्रताप ने सख्त भू कानून को लेकर सरकार द्वारा की जा रही हिलाहवाली को राज्य के भविष्य के लिए घातक बताया और कहा कि यदि इस पर जल्द रोक ना लगी तो उत्तराखंड की सारी कीमती जमीन भू माफिया लूट लेंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी भाजपा सरकार पर होगी।
उन्होंने वंचितआंदोलनकारियों के चिनहिकरण में राज्य सरकार द्वारा की जा रही देरी को भी निशाना बनाया और कहा कि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में राज्य आंदोलनकारियों ने बड़ी लड़ाई लड़ी थी परंतु आज उनके चिनहिकरण को लेकर सरकार कुंभकरण की नींद सो गई है। जिसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सावित्री नेगी कार्यकारी अध्यक्ष गण अनिल जोशी डॉ विजेंद्र पोखरियाल सरिता नेगी समिति के संयोजक मनीष नागपाल और मीडिया प्रभारी नवीन जोशी और देहरादून जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बौठियाल ने इस बीच इसी सप्ताह तो प्रमुख आंदोलनकारियों नरेंद्र कठेत और सुधा सती के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। हरिद्वार नगर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सैनी ने भी तमाम राज्य आंदोलनकारियों से 7 अगस्त को देहरादून चलने का आह्वान किया उन्होंने कहा है कि गैरसैंण को जब तक स्थाई राजधानी नहीं बनाया जाता हम चैन से नहीं बैठेंगे।