देहरादून-03 अगस्त, 2022: द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (आई.पी.आर.एस.) को हमेशा अपने बुनियादी मूल्यों की वजह से सम्मान मिला है, जिनमें आपसी भाईचारे और सहानुभूति की भावना सबसे आगे है। भारत में संगीतकारों, गीतकारों एवं म्यूजिक पब्लिशर्स सहित संगीत रचनाकारों के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-लाभकारी संगठन होने के नाते, आई.पी.आर.एस. सभी रचनाकारों के बीच के दोस्ती के पावन और अटूट बंधन से अच्छी तरह अवगत है, जो इंसान के दिलों में प्रेम की सबसे ज्यादा पवित्र भावनाओं में से है।
बीते कुछ वर्षों में, बेहद प्रतिभाशाली संगीतकारों और गीतकारों ने कई खूबसूरत तराने बनाए हैं, और उन्होंने साथ मिलकर अपनी रचनात्मक गतिविधियों में कामयाबी की बुलंदियों को छुआ है। इस बात को दावे के साथ कहा जा सकता है कि अव्वल दर्जे का ज्यादातर संगीत सही मायने में उनकी आत्मीयता और दोस्ती का ही परिणाम है।
फिर आई.पी.आर.एस. रचनाकारों के सच्चे दोस्त और संगीत के जीते-जागते परिवेश को बढ़ावा देने वाले उत्प्रेरक के सिवा और क्या है, जिसने हमें जश्न मनाने के लिए इतना कुछ दिया है?
इस प्रकार, आई.पी.आर.एस. तहे दिल से संगीत के सफर में एक नया आयाम जोड़ता है जिससे रचनाकारों को कुछ ऐसा करने में मदद मिलती है जो उनके सपनों और रचनात्मकता की दुनिया से परे हो, तथा आने वाले समय में पेशेवर करियर में उतार-चढ़ाव के बावजूद उन्हें अपना भविष्य सुरक्षित करने में मदद मिल सके।
दिल को छू लेने वाले इस विचार का वितरण करते हुए, 7 अगस्त को आगामी वर्ल्ड फ्रेंडशिप डे के मौके पर भारत में गीतकारों, संगीतकारों एवं म्यूजिक पब्लिशर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कॉपीराइट सोसायटी, आई.पी.आर.एस. अपने विशेष रचनात्मक भागीदारों – यानी संगीतकारों एवं गीतकारों को आई.पी.आर.एस. के सदस्यों के रूप में नामांकित करने के लिए अपने सदस्यों का सहयोग चाहता है।
आई.पी.आर.एस. द्वारा रेफरल प्रोग्राम के तौर पर एक अनोखी पहल #CreatorsHelpCreators की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से आई.पी.आर.एस. ने ‘भारत में संगीत निर्माताओं के समुदाय’ के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक निश्चित कदम उठाया है।
#CreatorsHelpCreators कार्यक्रम इस बात की जरूरत पर बल देता है कि, सभी म्यूजिक क्रिएटर्स साथ मिलकर चिरस्थायी संगीत की रचना के अपने सामान्य दायरे से आगे बढ़ें तथा अपने साथ काम करने वालों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता का सबसे जरूरी तोहफा देकर अपनी दोस्ती को और गहरा बनाएं, ताकि वर्तमान के साथ-साथ लंबे समय तक उनके कार्यों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित हो सके।
यह सब किसी म्यूजिक क्रिएटर द्वारा अपने साथ काम करने वाले साथी संगीत संगीतकार या गीतकार को सच्चे दोस्त की तरह आई.पी.आर.एस. का सदस्य बनने के लिए दी जाने वाली सलाह से संभव हो रहा है।
यह रेफरल कार्यक्रम, आई.पी.आर.एस. कम्युनिटी क्लब के शुभारंभ के माध्यम से आई.पी.आर.एस. द्वारा आपसी सहभागिता के लिए आयोजित की जाने वाली अनेक पहलों की शुरुआत है। आई.पी.आर.एस. कम्युनिटी भारत में म्यूजिक क्रिएटर्स के लिए नेटवर्क तैयार करने, उन्हें सिखाने तथा उन्हें संगीत उद्योग के दिग्गजों के साथ जोड़ने के लिए एक प्लेटफार्म बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाएगा।
आई.पी.आर.एस. के अध्यक्ष, श्री जावेद अख़्तर ने इस बारे में अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा, “संगीत की रचना करना सही मायने में खुशियां बांटने का एक नायाब तरीका है, लेकिन ज्यादातर म्यूजिक क्रिएटर अपने अधिकारों और अपनी रचना के लिए मिलने वाले सही मुआवजे से अनजान हैं, और हमें इसी कमी को दूर करना है। आई.पी.आर.एस. कम्युनिटी क्लब इन सभी समस्याओं को दूर करेगा और जागरूकता बढ़ाने के लिए सही राह तैयार करेगा, साथ ही करियर में लगातार आगे बढ़ने के लिए म्यूजिक क्रिएटर्स के बीच बेहतर नेटवर्किंग में भी मदद करेगा।”
इस कैंपेन के बारे में जानकारी देते हुए श्री राकेश निगम, सीईओ, आई.पी.आर.एस., कहते हैं, “बदकिस्मती से बहुत से म्यूजिक क्रिएटर्स को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है, साथ ही वे अपनी रचनाओं की हिफाजत करने तथा उचित मेहनताना प्राप्त करने के बारे में बहुत कम जानते हैं। रचनाकारों के सच्चे दोस्त होने के नाते हमें इस हालात को सुधारने की जरूरत है। इसी वजह से हमने #CreatorsHelpCreators कैंपेन की शुरुआत की है, ताकि म्यूजिक क्रिएटर्स समुदाय के भीतर संगीत से जुड़े अधिकारों तथा आई.पी.आर.एस. जैसे कॉपीराइट सोसायटी का सदस्य बनने के दीर्घकालिक फायदों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। हम इस अवसर पर आई.पी.आर.एस. कम्युनिटी क्लब का शुभारंभ कर रहे हैं, जो हमारे सदस्यों को नेटवर्क तैयार करने, साथ मिलकर काम करने तथा करियर में फायदे के लिए समृद्ध जानकारी को साझा करने हेतु एक मंच उपलब्ध कराएगा।”