एएसआई बद्रीनाथ मंदिर की दीवार पर आई हल्की दरार की मरम्मत का काम करेगा

Shivdev Arya

देहरादून। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) बद्रीनाथ मंदिर की दीवार पर आई हल्की दरार की मरम्मत का काम करेगा। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा 5 करोड़ रुपये का आंगणन भी तैयार कर लिया गया है। मामला संज्ञान में आने पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने केंद्रीय संस्कृति सचिव से बद्रीनाथ धाम को संरक्षित करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने का अनुरोध किया। इस क्रम में उनके द्वारा तत्काल संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए। 

सचिव पर्यटन ने कहा कि बद्रीनाथ धाम हमारी प्राचीन धरोहर है और इसका संरक्षण करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम की महायोजना में मंदिर को सुरक्षित और संरक्षित करने पर विशेष जोर दिया गया है। सचिव पर्यटन ने बताया कि दरार की जानकारी मिलने के बाद एएसआई से इसके लिए मरम्मत के लिए अनुरोध किया गया। इस पर लगभग 5 करोड़ रुपये के व्यय होने का अनुमान है।

दीवार की मरम्मत का कार्य मानसून के बाद शुरु किया जाएगा। सचिव पर्यटन ने बताया कि मंदिर के ठीक पीछे ग्लेशियर है। इससे मंदिर की सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार की संस्था डीजीआई को कंसल्टेंट का जिम्मा सौंपा गया है। मंदिर को किसी तरह का नुकसान न हो इसके लिए ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण करना जरुरी है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। 

गौरतलब है कि केदारनाथ धाम की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए महायोजना तैयार की गई है। बद्रीनाथ धाम का विकास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। जिस तर्ज पर केदारनाथ धाम के विकास की योजना बनी है उसी तर्ज पर बद्रीनाथ धाम के विकास की महायोजना तैयार की गई है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर कई योजनाएं शामिल है। जिस पर राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दशाईथल की छात्राओं द्वारा इस प्रतियोगिता में पर्यावरण सुरक्षा पर कुमाऊंनी लोकनृत्य प्रस्तुत किया

देहरादून: एन0सी0ई0आर0टी0 द्वारा संचालित एन०ई०पी०ई० कार्यक्रम के अन्तर्गत लोकनृत्य एवं रोलप्ले की प्रतियोगिता में के०जी०बी०वी० दशाईंथल, जनपद- पिथौरागढ़ ने लोकनृत्य की श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। के०जी०बी०वी० दशाईथल की छात्राओं द्वारा इस प्रतियोगिता में पर्यावरण सुरक्षा पर कुमाऊंनी लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया था। राष्ट्रीय स्तर […]

You May Like