देहरादून। राज्य में महामारी एवं आपदा जनित रोगों पर निगरानी, त्वरित रोकथाम व नियंत्रण हेतु इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (आई.डी.एस.पी.) द्वारा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, दिल्ली;स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार; सेण्टर फॉर डिजीज कण्ट्रोल (सी.डी.सी.) एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 2 से 4 जून तक देहरादून में किया जा रहा है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड राज्य भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भूस्खलन, बाढ़, भूकंप आदि विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से ग्रसित रहता है जिससे संक्रामक, जलजनित व वेक्टर जनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया के महामारी के रूप में प्रसारित होने की संभावना रहती है। साथ ही जलवायु परिवर्तन के कारण भी विभिन्न रोगों के प्रसारित होने की संभावनाएं होती है।
डॉ. भट्ट द्वारा जानकारी दी गयी कि उक्त चुनौतियों से निपटने एवं संक्रामक व आपदा जनित रोगों पर निगरानी, त्वरित रोकथाम व नियंत्रण हेतु राज्य में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र दिल्ली, भारत सरकार व सेण्टर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के सहयोग से पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी।
डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक, राष्ट्रीय कार्यक्रम, स्वास्थ्य निदेशालय, उत्तराखंड ने कार्यशाला के दौरान बताया कि गत दो वर्षों में कोविड महामारी के प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य एवं जनपद स्तरीय आई.डी.एस.पी. टीम का अहम योगदान रहा है। कोविड जैसी महामारियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए आई.डी.एस.पी. टीम को प्रशिक्षण देना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जिसके लिए इस तरह की कार्यशाला एक मील का पत्थर साबित होगी।
डॉ. नैथानी द्वारा बताया गया कि राज्य में अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आम जनसमुदाय को भी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी मैनेजमेंट में प्रशिक्षित किया जायेगा। उक्त बैठक में डॉ. हिमांशु चौहान, संयुक्त निदेशक एवं प्रभारी- आई.डी.एस.पी., राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र दिल्ली, भारत सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 तथा आपदा जनहित रोगों के प्रभावी प्रबंधन हेतु पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर शीघ्र ही उत्तराखंड में स्थापित होने जा रहा है जिसके लिए भारत सरकार के एन.सी.डी.सी तथा सी.डी.सी. द्वारा तकनीकी सहयोग दिया जाएगा।
कार्यशाला में आई.डी.एस.पी के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. पंकज कुमार सिंह, भारत सरकार के सी.डी.सी. प्रतिनिधि डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, डॉ. अमृता गुप्ताएवं इमरजेंसी मैनेजमेंट टीम तथा गढ़वाल मंडल के सभी जनपदों के आई.डी.एस.पी. यूनिट से जिला सर्विलांस अधिकारी, एपिडेमियोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यू.एस.डी.एम.ए.), पंचायती राज संस्थान, महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग, रेडक्रॉस आदि विभागों के अधिकारी एवं मेंटर्स के रूप में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग फैकल्टी, मेडिकल कॉलेज एवं यू.एस.डी.एम.ए. के अधिकारियों ने भाग लिया।