देहरादून। मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन ने सरकार से मांग की है कि निर्भया बैंक की तरह गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए भी एक बैंक और सहायता कोष बनाया जाए जिससे उनको समय-समय पर सहायता प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि कई गर्भवती महिलाओं को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। उन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को समय पर इलाज ना मिल पाना बहुत ही कष्ट कारक व असहनीय होता है। ये समय ऐसा होता है जिसमें एक महिला को परिवार के प्यार और चिकित्सक के उचित उपचार की जरूरत होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया है कि गर्भवती महिलाओं को समय पर उपचार मिल सकें ऐसी व्यवस्था की जाए।
कोई भी महिला इलाज से वंचित ना रह सके। सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। जिस तरह एक निर्भया बैंक बनाया गया था गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए भी एक बैंक और सहायता कोष बनाया जाए जिससे उनको समय-समय पर सहायता प्रदान की जा सके। तभी हमारा मातृ दिवस, महिला दिवस महिला सम्मान और महिला सशक्तिकरण पर कार्य करना सफल होगा जब हम अपनी मातृशक्ति को सुरक्षित और सही स्वास्थ्य लाभ दे पाएंगे, मां जग की जननी है जिसका कोई मूल्य नहीं उनको सुरक्षित और सही समय पर उपचार मिल सकें यह हम सब का परम कर्तव्य है।