देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी द्वारा लिखित उपन्यास “भंवर एक प्रेम कहानी“ का विमोचन किया। अनिल रतूड़ी द्वारा लिखित 340 पृष्ठों का यह उपन्यास विनसर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपन्यास के लेखक अनिल रतूड़ी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक वर्दीधारी अधिकारी जब एक प्रेम कथा लिखते हैं, तो इससे अनुमान लगाया जा सकता है की इनके हृदय में किस तरह के भाव होंगे।
इस उपन्यास में उन्होंने अपने जीवन में घटित सभी संस्मरणों एवं अनुभूतियों का वर्णन किया है। अपने कार्यों के साथ उन्होंने जिस तरह अपनी साहित्यिक अनुभूतियों को बचा कर रखा वह प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा की इस उपन्यास के माध्यम से मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने का सराहनीय प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य तब ज्यादा अच्छा होता है, जब हम उस कार्य को करने के लिए स्वतंत्र हों। कार्य की स्वतंत्रता के लिए जरूरी है कि कोई भी व्यक्ति सुविधा का दास न बने। मुख्यमंत्री ने “भंवर एक प्रेम कहानी“ उपन्यास के कुछ मुख्य अंशों का जिक्र भी किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी धर्मपत्नी अनिल रतूड़ी ने उत्तराखण्ड गढ़वाल के मागलिक गीत ”देणा होयां खोली का गणेशा रे, देणा होयां मोरी का नारेणा रे” गीत गाकर प्रारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार एवं साहित्यकार, लेखक डॉ0 कंचन नेगी ने किया। अनिल रतूड़ी की शिक्षा कन्वेंट ऑफ जीसस एण्ड मैरी हैम्पटन कोर्ट और सेंट जॉर्जस कॉलेज मसूरी से पूर्ण करने के उपरान्त दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए ऑनरस और एम.ए अंग्रेजी साहित्य में शिक्षा ग्रहण की तथा 1987 में आईपीएस अधिकारी बन सभी को गौरवान्वित किया, जहां पहले उन्हें यूपी कैडर आंवटित किया गया, वहीं बाद में उत्तराखण्ड के निर्माण पर उन्होंने राज्य की कंमान सभांलते हुए 2017 से 2020 तक उत्तराखण्ड पुलिस के महानिदेशक पद से सेवाएं देते हुए अधिवर्षता आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत हुए। उन्होंने यूपी में महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी।