देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागणों का एक प्रतिनिधिमण्डल गुजरात कांग्रेस के दलित विधायक जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी के विरोध में राज्यपाल से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि लोकतंत्र में सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी होती है, परंतु जिस तरह से पिछले दिनों मात्र एक ट्वीट करने पर गुजरात कांग्रेस के दलित विधायक जिग्नेश मेवानी को असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है वह न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि लोकतंत्र के लिए खतरा है।
असम पुलिस द्वारा रातांे-रात एक जनप्रतिनिधि को गिरफ्तार करना सत्ता का दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारों का इस तरह का तानाशाही रवैया संविधान के विरुद्ध लोकतंत्र पर काले धब्बे की तरह है। श्री माहरा ने कहा कि यदि राजनेताओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के विरोध में बयान देने पर गिरफ्तार किया जाएगा तो देश में शायद जेलों की संख्या कम पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह भी अपने आप में चैंकाने वाला तथ्य है कि असम पुलिस ने उस तथ्य का ब्यौरा नहीं दिया है जिसके आधार पर जिग्नेश मेवानी को गिरफ्तार किया गया है।
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कांग्रेस गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी को पूर्णतया अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार के विरोध में उठ रहे हर स्वर को भाजपा सरकारें सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर कुचलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि असम पुलिस ने जिस अलोकतांत्रिक तरीके से गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को रातों-रात गिरफ्तार किया है वह संविधान विरोधी कदम है और देश की जनता का अपमान है जिसने उन्हें चुना है।
मेवानी को भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 153 ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया है। प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में दर्ज कराई गई है।उत्तराखंड कांग्रेस की ओर से महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया कि संविधान और लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में उपरोक्त मामले में हस्तक्षेप करें एवं श्री जिग्नेश मेवानी की रिहाई हेतु केंद्र सरकार पर दबाव डालें ताकि लोकतंत्र की रक्षा हो सके। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र में विश्वास करने वाली पार्टी है और ’’सर्वधर्म समभाव’’ के रास्ते पर चलती है। उन्होंने कहा इस तरह से निर्दोश जन प्रतिनिधि को प्रताड़ित करना स्वच्छ लोकतंत्र के लिए घातक है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) में प्रत्येक नागरिक को वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है। ऐसे में यह खुल्लेआम संविधान की अवहेलना है। प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक फुरकान अहमद, महामंत्री विजय सारस्वत, महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी, प्रदेश मीडिया चेयरमैंन राजीव महर्षि, गढ़वाल मण्डल मीडिया प्रभारी गरिमा महरा दसौनी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला, अजय सिंह, अमरजीत सिहं, वसी जैदी, सुरेन्द्र रांगड़ आदि सम्मिलित थे।