चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चंपावत जिले को मॉडल रूप दिए जाने के तहत जनपद की राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान बनाने के लिए प्रतिदिन विकास की नई कड़ियां जुड़ती जा रही है। इसी क्रम में लोहाघाट की वादियों में पैराग्लाइडिंग के जरिए पर्यटन विकास को बढ़ावा देने की कवायद शुरू हो गई हैI
बता दें कि चंपावत के ऐतिहासिक बाणासुर किले के साथ मां झूमाधुरी के शिखर से पैराग्लाइडिंग की गतिविधियां शुरू की जा रही है। ग्लाइडर विशेषज्ञों द्वारा किया गया ट्रायल भी सफल रहा है। ग्लाइडरो ने पूरे क्षेत्र में ग्लाइडिंग करने के बाद बताया कि यहां का कुदरती नजारा बेहद आकर्षक एवं हर व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां पैराग्लाइडिंग की अपार संभावना है।
इस दिशा में जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी का कहना है कि लोहाघाट के कोलीढेक में बहुउद्देशीय झील का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद यहां पैराग्लाइडिंग के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उससे पर्यटकों को नौकायान के साथ वह हवा में पैराग्लाइडिंग कर यहां की प्राकृतिक वैभव की यादें अपने साथ ले जा सकते हैं। चंपावत जिले को प्रकृति ने जिस मुक्त हस्त से सजाया है, संवारा है आज तक यह जनपद पर्यटकों एवं प्रकृति प्रेमियों की दृष्टि में ओझल बना हुआ था।
कहा मुख्यमंत्री धामी द्वारा जिले का नेतृत्व किए जाने के बाद यहां हर क्षेत्र में तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है। वह बहुत दिन दूर नहीं जब यहां देश-विदेश के पर्यटक अपनी उपस्थिति देकर यहां के युवाओं के लिए रोजगार का एक सशक्त माध्यम बनेंगे। चंपावत जिले को देश के पर्यटन मानचित्र में लाने हेतु युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री की पहल पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के जनपद भ्रमण करने के बाद यहां पर्यटन गतिविधियों में पंख लगने लगे हैं। जिले में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए विकासखंड लोहाघाट के मां झूमाधुरी एवं बाणासुर की ऊंची चोटियों से अब पैराग्लाइडिंग होगी, उड़ान भरेंगे। इस कार्य हेतु बाणासुर की पहाड़ी क्षेत्र से उड़ान भरने के लिए इसकी परिधि में आने वाले विद्युत तारों को हटाने के लिए रुपए 15 लाख तथा झूमाधुरी के शिखर मैदान का निर्माण करने के लिए 5 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त यहां के युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़े जाने के लिए 7 लाख रुपए की धनराशि प्राप्त हुई है, जिससे यहां के प्रशिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर के पैराग्लाइड प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही जिला स्तर पर इन दोनों स्थानों में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण दिलाने हेतु जिलाधिकारी की ओर से सचिव पर्यटन को जिले में 5 प्रशिक्षक उपलब्ध कराने हेतु पत्र भेजा गया है।