हरिद्वार, 19 अगस्त: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अंतर-विश्वविद्यालय योग केंद्र, बैंगलोर द्वारा प्रायोजित ‘समग्र स्वास्थ्य के लिए भारतीय ध्यान’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला पतंजलि विश्वविद्यालय में संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुईं।
मुख्य अतिथि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय के कुलपति और भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर गौरी दत्त शर्मा थे। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्माण में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ध्यान आंतरिक मन को देखने और शरीर और दिमाग को सद्भाव में काम करने की ताकत देता है।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि अष्टांग योग में ध्यान का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि ध्यान से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति में ध्यान का उपयोग व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास तथा विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता रहा है।
आचार्य ने ध्यान की नई विधियों के आविष्कार के बारे में भी बताया। विशिष्ट अतिथि के रूप में महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भुवनेश शर्मा ने भावातीत ध्यान एवं महर्षि महेश योगी के कार्यों पर व्याख्यान दिया। शांतिकुंज, हरिद्वार से आए आध्यात्मिक साधक वीरेश्वर उपाध्याय ने सविता ध्यान और डॉ. राजनारायण मिश्र ने हिमालय ध्यान परंपरा पर कार्यशाला आयोजित की।
कार्यशाला में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में एमएससी योग विज्ञान की लक्ष्मी, ऋचा कुमारी व साक्षी ने प्रथम स्थान, एमए प्रथम वर्ष की प्राची, सूरज व अनुप्रिया ने द्वितीय स्थान तथा बीए अंतिम वर्ष की प्रज्ञा, सदीक्षा व दुर्गेश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
पोस्टर प्रतियोगिता में बीएससी की छात्रा अदिति गुप्ता, वाणी वर्मा, दिव्यांशी और पूजा प्रथम स्थान पर रहीं। एमएससी की छात्रा साक्षी शर्मा और विजय लक्ष्मी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। एमएससी की छात्रा साक्षी बसाटा और पूर्वा को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।
पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव ने दो दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन पर अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। अंत में विश्वविद्यालय के कुलपति एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. महावीर अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
साध्वी आचार्य देवप्रिया, अकादमिक और मानविकी और प्राच्य अध्ययन संकाय की डीन और अध्यक्ष, अकादमिक स्वामी अर्शदेव, डॉ. परन गौड़ा, डीन, अकादमिक और अनुसंधान, वीके कटियार, योग विभाग के डीन, प्रोफेसर डॉ. ओम नारायण तिवारी, आचार्य संगीत विभाग के चंद्रमोहन मिश्रा, डॉ निवेदिता, डॉ निधीश, डॉ रुद्र भंडारी, डॉ विपिन दुबे, डॉ संदीप, डॉ आरती यादव, आचार्य गौतम, डॉ विनय शर्मा, डॉ लक्ष्मी शंकर रथ, डॉ मोनिका, डॉ सलोनी, डॉ कपिल शास्त्री, डॉ इस अवसर पर वैशाली गौड़, डॉ. आरती पाल, डॉ. अंजू, डॉ. अलका गिरी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।