देहरादून। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को अपदस्थ करने के मामले में बीते रोज आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि इस फैसले से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सब कुछ बेनकाब हो गया है। कांग्रेस आज अगर देश में संवैधानिक संकट बता रही है तो वह बेवजह नहीं है। यह फैसला इस खतरे की पुष्टि करता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि भाजपा के नेताओं द्वारा जिस तरह असंवैधानिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने का काम किया जा रहा है उसे भले ही भाजपा के नेता स्वीकार करें या न करें लेकिन इस फैसले ने इस बात की पुष्टि कर दी है। भाजपा राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता फैलाने का काम कर रही है। उनका कहना है कि भाजपा के नेता भी जानते हैं कि भगत सिंह कोश्यारी ने गलत काम किया है, यही कारण है कि इस फैसले से पहले ही भाजपा ने उन्हें राज्यपाल के पद से हटाकर चलता कर दिया। उनका कहना है कि लेकिन जनता भाजपा के पापों के लिए उसे माफ नहीं करेगी।
उधर कांग्रेसी नेता सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि इस फैसले से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता हथियाने के लिए भाजपा के नेता किसी भी हद तक गिर सकते हैं। उनका कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी ने राज्यपाल पद की गरिमा को तारकृतार करने का काम किया है। आज अगर कांग्रेस देश पर संवैधानिक संकट की बात करती है तो भाजपा के नेता पूछते हैं कि कैसा संवैधानिक संकट? उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन्हें बता सकता है कि संवैधानिक संकट क्या है।
खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया देने से भाजपा के नेता अब कन्नी काटते दिख रहे हैं। अजय भटृ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वह क्या कह सकते हैं। भगत सिंह कोश्यारी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं उन्होंने बतौर राज्यपाल वही किया जो उन्हें सही लगा। वही खुद भगत सिंह कोश्यारी कहते हैं कि अब वह राज्यपाल पद से इस्तीफा दे चुके हैं तो इस बाबत क्या कहें।