देहरादून: ब्रिटिशकाल में रखे गए लैंसडौन का नाम बदले जाने को लेकर जहा एक तरफ वहां के कुछ स्थानीय लोगों व संगठन ने इस कवायद का विरोध कर रहें है। वहीं दूसरी तरफ इस पर राजनीति शुरू हो गयी हैं| इस मुद्दे को लेकर भाजपा व कांग्रेस पार्टी के बीच वार पलटवार का दौर शुरू हो गया हैं|
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि हम नहीं मानते कि लैंसडौन गुलामी का प्रतीक है। इस नाम की अपनी एक अगल पहचान है। तमाम उपलब्धियां इस नाम के साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार रोज नए-नए शिगूफे छोड़कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
जिसके जवाब पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस गुलाम मानसिकता की जंजीरों में जकड़ी है और उसे अब इससे बाहर निकल जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के बयान पर कटाक्ष करते हुए भट्ट ने कहा कि लैंसडौन का नाम गुलामी की पहचान है और इसे मिटना चाहिए। रक्षा मंत्रालय की ओर से मांगे गए प्रस्ताव पर जल्द अमल होगा और लैंसडौन का नाम बदल जाएगा।
भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलाम मानसिकता के प्रतीकों को हटाने का जो वचन लिया है, उसे उत्तराखंड सरकार पूरा करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस को दासता की सोच से बाहर निकलकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए।