आगरा रेलवे स्टेशनों पर वैदिक साहित्य के स्टालों का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न
दिल्ली सभा द्वारा वैदिक साहित्य के प्रचार की एक नई शुरूआत
महर्षि दयानंद सरस्वती जी की प्रेरणा से आर्य समाज लगातार मानव मात्र को सुदिशा प्रदान करता आ रहा है। आर्य समाज द्वारा जहां एक तरफ समाज में फैले हुए अविद्या, अंधकार, ढोंग पाखंड और अंधविश्वास को दूर भगाने का कार्य किया गया, वहीं सामाजिक कुरीतियों के प्रति भी मानव मात्र को निरंतर जागृत और सजग करने के लिए अभियान चलाए गए। इसके साथ ही वैदिक धर्म, संस्कृति और संस्कारों के प्रचार-प्रसार हेतु आर्य समाज का वैदिक साहित्य अपने आप में एक बहुत बड़ी ज्ञान संपदा है, जिसका हमारे पूर्वजों ने एक दृढ़ संकल्प शत्तिफ़ के साथ सृजन किया है। आर्य समाज का वैदिक साहित्य हजारों की संख्या में नहीं बल्कि लाऽों पुस्तकों के रूप में निर्मित और उपलब्ध है, जिसके पठन-पाठन से मानव समाज को जीवन जीने की कला और राष्ट्र एवं मानव कल्याण की शिक्षाएं तथा उचित और अनुचित को समझने की योग्यता प्राप्त होती है। इसके लिए आर्य समाज समय-समय पर वैदिक साहित्य का निःशुल्क वितरण भी करता है। इस सब के पीछे आर्य समाज की केवल एक ही भावना है की संपूर्ण मानव जाति कल्याण के पथ पर अग्रसर हो और भारत सहित विश्व समुदाय अपने कर्तव्य और अकर्तव्य का भेद समझे, सोचे और मानवता का सजग प्रहरी बनकर शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक कार्याे में प्रवर्त हो।
इसी महत्वपूर्ण भावना और कामना को साकार करते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती एवं आर्य समाज के 150वें स्थापना दिवस के दो वर्षीय आयोजनों की श्रृंखला में दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा जो काफी लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था कि भारत के रेलवे स्टेशनों पर वैदिक साहित्य के स्टाल स्थापित किए जाएं, आर्य समाज की मान्यता और परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए, महर्षि दयानंद सरस्वती जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए, इसके लिए भारतीय रेलवे की ओर से दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा को 10 रेलवे स्टेशनों पर वैदिक साहित्य के स्टाल स्थापित करने की अनुमति प्राप्त हुई है। जिसमें से 20 अगस्त 2023 को उत्तर प्रदेश के आगरा कैंट एवं आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर वैदिक साहित्य के स्टाल स्थापित कर विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के उपप्रधान, श्री अरुण प्रकाश वर्मा जी, अखिल भारतीय दयानंद सेवाश्रम संघ के महामंत्री, श्री जोगेंद्र खट्टðर जी, पश्चिम में दिल्ली वेद प्रचार मंडल के प्रधान, श्री सुरेंद्र आर्य जी, आर्य समाज सेक्टर-16 रोहिणी के प्रधान श्री प्रदीप आर्य जी, दिल्ली सभा के मंत्री श्री सुखबीर सिंह आर्य जी, आर्य केंद्रीय सभा के महामंत्री, श्री सतीश चîóा जी, मंत्री डॉ- मुकेश आर्य जी, आर्य समाज सी-3 से श्री अजय तनेजा जी, रघुमल आर्य कन्या सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल के चेयरमैन, श्री संजय आर्य जी, आर्यवीर दल दिल्ली प्रदेश के महामंत्री, श्री बृहस्पति आर्य जी, श्री दिनेश शास्त्री जी, श्री धर्मवीर जी, श्री मनोज आर्य जी, श्री गौरव आर्य जी, श्री सुरेश कामती जी, श्री विजय आर्य जी, श्रीमती आरती खट्टðर जी, श्रीमती रश्मि वर्मा जी, श्रीमती किरण चîक्का जी तथा दिल्ली के अनेक अन्य गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे। आगरा क्षेत्र के विभिन्न आर्य समाजों के अधिकारी कार्यकर्ता और सदस्यों में श्री रमन वासन जी, श्री सुरेश चंद्र गर्ग जी, श्री पूरन डाबर जी, श्री रमाकांत सारस्वत जी, श्री अजय महोत्र जी, श्रीमती शशि चोपड़ा जी, श्री अजय चोपड़ा जी, प्रस्तुति श्रीवास्तव जी, खंडेलवाल जी, श्री अरविंद मेहता जी, श्री विजय अग्रवाल जी, श्रीराम प्रकाश गुप्ता जी एवं अन्य अनेक महानुभावों की गरिमामय उपस्थिति थी। वैदिक साहित्य के स्टालों का उद्घाटन हुआ और सभी आर्यजनों में उमंग उत्साह और उल्लास था। इस अवसर पर ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना मंत्रें का पाठ किया गया गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए दीप प्रज्वलन किया गया और सभी महानुभावों ने महर्षि दयानंद सरस्वती का जय जयकार किया आर्य समाज अमर रहे, ओम का झंडा ऊंचा रहे, वेद की ज्योति जलती रहे के जयघोष लगाए।