आज दिनाङ्क 04 जुलाई 2024 को श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में; दीक्षारम्भ- कार्यक्रम के अन्तर्गत, कला मन्त्रालय से सम्बन्धित नव नालन्दा विहार के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार किरण जी का “संस्कृत हेतु विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट अवसर ” विषयक विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया।
ज्ञात हो कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय -नई दिल्ली के निर्देशानुसार श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में, दिनाङ्क-01 जुलाई 2024 से दिनाङ्क 15 जुलाई 2024 तक दीक्षारम्भ कार्यक्रम चल रहा है। जिसका आज चतुर्थ दिवस है।कार्यक्रम के चतुर्थ दिवस पर कला मन्त्रालय से सम्बन्धित नव नालन्दा विहार के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय करण शर्मा का “संस्कृत हेतु विशिष्ट क्षेत्रों में विशिष्ट अवसर” विषयक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजित किया गया।अपने व्याख्यान में प्रोफेसर विजय करण ने बताया कि यदि संस्कृत के छात्र; शास्त्रों में बतायी गयी जीवन जीने की कला जिसके अन्तर्गत समुचित आहार समुचित विहार इत्यादि प्रमुख हैं, के अनुसार अपने जीवन को जियें तो निश्चित रूप से जिस भी क्षेत्र में वे सफलता हेतु प्रयत्न करेंगे, उस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के स्तर से भी, संस्कृत को बढावा देने के अनेक प्रयास प्रयास किये जा रहे हैं। आप सभी को उन सबकी जानकारी होना भी अत्यावश्यक है। इसलिये अपने मोबाइल इत्यादि का उपयोग आप ऐसी ही चीजों के अन्वेषण में करें, उससे आपको भविष्य में लाभ भी मिलेगा।
इस अवसर पर व्याकरण विभागाध्यक्ष डाॅ.रवीन्द्र कुमार आर्य,आधुनिक विषय विभाग की सहायकाचार्य डाॅ.मञ्जू पटेल,अंग्रेजी विषय की सहायकाचार्य डाॅ.आशिमा श्रवण,वेदान्त विभाग के प्राध्यापक डाॅ.आलोक सेमवाल,योग विषय के प्राध्यापक श्री मनोज गिरि एवं श्री अतुल मैखुरी,संगणक विषय के प्राध्यापक श्री विवेक शुक्ला,संस्कृत शिक्षक डाॅ.प्रमेश बिजल्वाण,साहित्य विभाग के प्राध्यापक डाॅ.अंकुर आर्य ,व्याकरण विभाग के प्राध्यापक डाॅ.शिवदेव आर्य आदि सहित नव प्रविष्ट छात्र समुपस्थित रहे।इससे पूर्व महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ.व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव के द्वारा समागत अतिथि प्रो विजय करण शर्मा का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया।
इस पञ्चदश दिवसीय दीक्षारम्भ- कार्यक्रम का संयोजन, व्याकरण विभाग के प्राध्यापक डाॅ.दीपक कुमार कोठारी द्वारा किया जा रहा है।