देहरादून। यूकेएसएसएससी भर्तियों में हुई धांधली और विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों से नाराज प्रदेश के युवा बेरोजगारों ने आज सचिवालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि सरकार को इन सभी भर्तियों की जांच सीबीआई से करानी चाहिए। प्रदेश भर से राजधानी देहरादून पहुंचे युवा बेरोजगारों ने आज सरकार के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने जिस तरह नौकरियां बेचने और अपने सगे संबंधियों को नौकरियां बाटी गई है वह राज्य के युवा और पढ़े लिखे लोगों के साथ बड़ा धोखा है। उनका कहना है कि सरकार अब युवाओं को न्याय दिलाने की बात कह रही है वह सिर्फ लीपापोती करने का प्रयास है।
नौकरी की आस में बैठे हजारों युवा ओवरएज हो चुके हैं उनके साथ सरकार क्या न्याय करेगी। इन युवाओं का कहना है कि जांच समिति बनाकर या एसटीएफ से जांच कराकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। छोटे—छोटे कर्मचारियों और नकल माफियाओं को जेल भेजा जा रहा है जबकि इतना बड़ा घोटाला बिना अधिकारियों और सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण के संभव नहीं है। उनका कहना है कि अगर सरकार वास्तव में इन मामलों की जांच कराना चाहती है तो सभी भर्तियों की जांच सीबीआई से करानी चाहिए। उनका कहना है कि अभी तक किसी अधिकारी या सफेदपोश के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं हो सकी है।
हजारों की संख्या में प्रदेश के कोने—कोने से आए इन युवाओं ने हाथों में नारे और घोटालों का नाम लिखी तख्तियां लेकर परेड ग्राउंड से सचिवालय कूच किया। पुलिस द्वारा इस प्रदर्शन के मद्देनजर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। सचिवालय से 100 मीटर पहले बनाई गई बैरिकेडिंग पर जब उन्हें रोक दिया गया तो उन्होंने वहीं सूबे की भाजपा सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन व नारेबाजी की।
उनका कहना है कि यह उनका दुर्भाग्य ही है कि परीक्षाओं की तैयारी करने की बजाय वह यहां सड़कों पर प्रदर्शन को मजबूर हैं। किसी भर्ती के बारे में उन्हें यह पता नहीं है कि उसकी परीक्षा होगी भी या नहीं। परीक्षा हो भी गई तो फिर रिजल्ट आएगा या नहीं। कब भर्ती को रद्द कर दिया जाएगा इसका भी भरोसा नहीं। उनका कहना है कि ऐसे राज्य के युवा क्या करें? और कहां जाएं सत्ता में बैठे लोग उन्हें इसका जवाब दें। उल्लेखनीय है कि अब तक यह युवा अपने गृह जनपदों में प्रदर्शन करते रहे हैं।