देहरादून। काबीना मंत्री रेखा आर्य द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को शिव मंदिर जाने और जलाभिषेक कर फोटो शेयर करने के आदेश को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच सियासी संग्राम छिड़ गया है। काबीना मंत्री रेखा आर्य के द्वारा राज्य की सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पत्र लिखकर आदेश दिया गया था कि वह शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करें और उनकी फोटो शेयर करें।
उनके इस पत्र पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा द्वारा आपत्ति जताते हुए कहा गया था कि सरकार का कोई भी मंत्री अपने विभाग के कर्मचारियों को इस तरह का आदेश कैसे दे सकता है कि उसे अमुक देवी—देवता की पूजा करनी है उनका कहना था कि यह आस्था का विषय है कौन किसकी पूजा करेगा और किसकी नहीं यह हर आदमी का अपना अधिकार है। सरकार भला कैसे किसी को बाध्य कर सकती है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग क्या अब यह तय करेंगे कि उन्हें किसकी पूजा करनी है। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा द्वारा जताई गई आपत्ति के बाद हालांकि काबीना मंत्री रेखा आर्य ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जलाभिषेक के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रेरित किया है बाध्य किसी को नहीं किया है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ बुराइयां तलाश करना है।
भ्रष्ट कहे जाने पर करन माहरा ने कहा कि नेता भ्रष्ट हैं तो वह कौन से नेता है रेखा आर्य को उन नेताओं का नाम भी बताना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अभी रेखा आर्य के द्वारा अपने घर में आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में निमंत्रण दिए जाने का मामला भी चर्चाओं में रहा था। जिस पर उन्होंने कहा था कि निमंत्रण देना अलग बात है निमंत्रण पर आना न आना स्वैच्छिक है।